राष्ट्रपति ने भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात की

राष्ट्रपति भवन : 02.12.2024

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 2 दिसम्बर, 2024 को राष्ट्रपति भवन में भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात की।

अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) हमारी अर्थव्यवस्था को, समान कर व्यवस्था तथा साझा प्रशासनिक मूल्यों के माध्यम से जोड़ने का काम करती है। यह सेवा देश के कर प्रशासन में एकरूपता को बढ़ावा देती है। आईआरएस अधिकारी भारत सरकार, व्यापार और विभिन्न राज्यों के, कर प्रशासनों के बीच एक अत्यंत महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया भर के बदलते सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में, व्यापक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के द्वारा राष्ट्रीय हित का एजेंडा निर्धारित होता है। आईआरएस अधिकारी देश की आर्थिक सीमाओं के प्रहरी हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उन्हें सदा ईमानदारी और कर्तव्य-निष्ठा से काम करना होगा। अन्य देशों के साथ व्यापार सुविधा समझौतों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) देश को आर्थिक विकास और अवसंरचना निर्माण, सामाजिक-आर्थिक योजनाओं के संचालन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने आदि के लिए संसाधनों के उपयोग करने में सक्षम बनाती है। यह राष्ट्र-निर्माण में आईआरएस अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। राष्ट्रपति ने उनसे कहा कि प्रशासक के रूप में अपनी भूमिका को निभाने के लिए उन्हें ऐसी प्रणालियां और प्रक्रियाएं विकसित करने की आवश्यकता है जो पारदर्शी हों तथा जिनसे जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

राष्ट्रपति ने कहा कि इस नए और गतिशील युग में, कर संग्रहण को कम दखलंदाजी भरा बनाया जाना चाहिए और प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक इस्तेमाल के प्रयास किए जाने चाहिए। कर प्रशासन के क्षेत्र में नए विचार और नए समाधान लाने का उत्तरदायित्व युवा अधिकारियों का है।

राष्ट्रपति ने अधिकारियों को सलाह दी कि उन्हें याद रखना है कि कराधान केवल देश के राजस्व को बढ़ाने का साधन ही नहीं है, बल्कि यह सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश के नागरिकों द्वारा दिए गए कर का उपयोग देश और जनता के विकास के लिए किया जाता है। इसलिए, यदि वे अपना कार्य लगन और कर्तव्य-निष्ठा से करेंगे, तो वे देश के विकास में बड़ा योगदान दे पाएंगे।

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